Supreme Court ने लगाया Electoral Bond पर रोक सरकार को देना होगा चंदे का हिसाब | जानिए विस्तार से

Electoral Bond क्या होता था ?

यह एक ऐसा Bond होता है जिसके माध्यम से कोई भी Individual या Company किसी भी Political Party को सहायता धन दे सकती है

Electoral Bond
Electoral Bond

Electoral Bond कैसे काम करता था ?

अगर कोई भी Individual या Company किसी भी Political Party को सहायता धन देना चाहती है तो उसे SBI के Selected Branch में जाना होगा और जितना भी धन देना है वहा पर जमा करना होगा | इसके बाद SBI उसे एक रसीद देगी जिसे Electoral Bond कहा जाता है और वह रसीद को उस Political Party को देना होता है जिसे वह Individual या Company सहायता धन देना चाहती है इसके बाद 15 दिन के अन्दर वह Political Party उस Bond को लेकर SBI के Branch जाना होता था और उस Bond को बैंक को देकर पैसे ले सकती थी अगर 15 दिन के अन्दर Political Party ऐसा नहीं करती तो वह पैसा PM CARES Fund में चला जाता था और PM CARES Fund का पैसा सरकार कहा खर्च करती थी इसकी जानकारी को भी गुप्त रखा जाता था

Electoral Bond को कब लाया गया था ?

सन 2018 में जब Mr. Arun Jaitley वित्त मंत्री हुआ करते थे तब इस Bond को लाया गया गया था इसको लाने का मुख्य उद्देश्य था कि Cash के Flow से Black Money को बढ़ावा मिलाता था और कहना था कि अगर यह बैंक के माध्यम से होआ तो Politics में Black Money को रोका जा सकेगा इसलिए Electoral Bond को Introduce किया गया था

Electoral Bond कौन जारी करता था ?

इसे जारी करने कि जिम्मेदारी SBI को दिया गया था | और इसको SBI के कुछ Selected Branch ही जारी कर सकते थे

Electoral Bond कब-कब जारी किया जाता था ?

इसको SBI हर 3 महीने में साल भर में 4 बार जारी करती थी जिसकी अवधि 10-10 दिन कि होती थी | इसे January, April, July और October में जारी किया जाता था 1-10 January, 1-10 April, 1-10 July और 1-10 October को जारी किया जाता था

कितने का Electoral Bond लिया जा सकता था ?

1000, 10000, 100000 तथा 10000000 का Electoral Bond लिया जा सकता था ध्यान रखे कि यह केवल 1000 के Multiple में ही लिया जा सकता था अब जैसे किसी को 5Cr. का Electoral Bond लेना है तो उसे 1Cr. का 5 Bond लेना होता था

 

 

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